विकास खंड सलूणी के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नड्डल में बिना प्रवक्ताओं के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल में प्रधानाचार्य समेत अंग...
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नड्डल ,दस किमी पैदल चल पहुंच रहे स्कूल, पढ़ाने वाले ही नहीं
विकास खंड सलूणी के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नड्डल में बिना प्रवक्ताओं के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल में प्रधानाचार्य समेत अंग्रेजी, इतिहास, साइंस और पीईटी के पद खाली हैं। अभिभावकों कुलदीप कुमार, तिलक राज, देसराज, रमेश कुमार, राकेश कुमार, रमेश चंद, सोभिया राम, निक्कू राम आदि ने बताया कि प्रदेश सरकार बच्चों को घर-द्वार बेहतर शिक्षा प्रदान करने के दावे करती है लेकिन, पूर्व में खुले स्कूलों में स्टाफ की तैनाती करने में पूरी तरह से विफल है। स्कूल में दो दिसंबर 2022 से प्रधानाचार्य, अंग्रेजी का 30 नवंबर 2016, राजनीति शास्त्र का आठ जुलाई 2017, इतिहास का सात जुलाई 2017 से पद खाली है। जबकि पीईटी का सात जुलाई 2017 से पद खाली पड़ा है। इसके अलावा क्लर्क का पद 28 अप्रैल 2016 से और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद 19 सितंबर 2022 से रिक्त है।
स्कूल में शिक्षा हासिल करने के लिए गांव जुतराण, गुहल, टप्पर, कुंडाह, हुलाण, नगोड़, कियाणी, नड्डल, भलोगी आदि वार्डों से विद्यार्थी आठ से दस किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल पहुंचते हैं। स्कूल में अध्यापकों की कमी से पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। कई बार स्कूल प्रबंधन समिति की ओर से प्रस्ताव पारित कर रिक्त पदों को भरने के लिए भेजे। बावजूद इसके अभी तक पद नहीं भरे हैं। यही वजह है कि अब नड्डल विद्यालय से तेलका और सलूणी स्कूलों के लिए विद्यार्थी पलायन कर रहे हैं। अभिभावकों ने शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग से अध्यापकों के रिक्त पद भरने की मांग की है।
एसएमसी अध्यक्ष तिलक राज ने बताया कि कई बार रिक्त पदों को भरने के बारे में एसएमसी से प्रस्ताव पारित कर विभाग को भेजा है लेकिन, अभी तक पद नहीं भरे जा सके हैं।
कार्यवाहक प्रधानाचार्य नितिन कुमार ने बताया कि रिक्त पदों को लेकर विभाग को समय-समय पर अवगत करवाया जा रहा है। सरकार के आदेशानुसार ही रिक्त पद भरे जाएंगे।